दिल के जख्म दिखाने का कुछ तो बहाना हो जाए!
तुम अपनी बात कहना हम अपनी कहेंगे,
बीती बातो का फिर से दोहराना हो जाए!
झेला तो बहुत है जिंदगी को सभी ने,
आओ एक-दुसरे को समझाना हो जाए!
संजोया है जो मर-जी कर हमने,
देखने-दिखाने को वो ग़मो का खजाना हो जाए!
मै आह भरूँगा तुम वाह करना,
इस नादाँ को ऐसे ही समझाना हो जाए!
कोई बड़ा तीर मार नहीं पाए तो क्या,
उन छोटी-मोटी भूलो पर ही इतराना हो जाये!
कोई बड़ा तीर मार नहीं पाए तो क्या,
उन छोटी-मोटी भूलो पर ही इतराना हो जाये!
हरदीप चल कुछ ऐसा लिख दे आज,
कल जिसे पढ़ जग ये सयाना हो जाए!
कुछ मुस्कुराने का बहाना हो जाए,
जो माहौल कुछ शायराना हो जाए!
कुछ मुस्कुराने का बहाना हो जाए,
जो माहौल कुछ शायराना हो जाए!
जय हिंद,जय श्रीराम,
कुंवर जी,
bahut badhiya man ke vichaar
जवाब देंहटाएंकुंवर जी , रचना तो बढ़िया है लेकिन मुझे लगता है कि यह किसी हरदीप नाम के रचनाकार की है जो आपने प्रस्तुत की है !
जवाब देंहटाएंचलो माहौल कुछ शायराना हो जाए,
जवाब देंहटाएंदिल के जख्म दिखाने का कुछ तो बहाना हो जाए!
बहुत ख़ूब...
godiyaal ji kunwarji ka naam hi HARDEEP RANA hai
जवाब देंहटाएंbahut khoob kunwarji, bahut badiya
Oh ! Thats gr8 !!
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया विचार....
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया रचना है
जवाब देंहटाएंप्रणाम
राम राम जी,
जवाब देंहटाएं@पुष्पेन्द्र भाई-आपका धन्यवाद है जी!
@गोदियाल जी-चलो इस बहाने आपको इस नाचीज़ के नाम का भी पता चल गया!
@सोहिल जी,महफूज़ भाई साहब,फिरदौस जी-आपका स्वागत है जी,आपको ये पंक्तिया पसंद आई ये मेरा सौभाग्य ही तो है!
कुंवर जी,
सुन्दर भावों को बखूबी शब्द जिस खूबसूरती से तराशा है। काबिले तारीफ है।
जवाब देंहटाएंना हम आह भरेंगे ना वाह करेंगे,
जवाब देंहटाएंबस दम साधे तुम्हे सुना करेंगे
तराना इश्क का और लिखो हरदीप
जाहिलों को हम सुनाया करेंगे
आप की इस ग़ज़ल में विचार, अभिव्यक्ति शैली-शिल्प और संप्रेषण के अनेक नूतन क्षितिज उद्घाटित हो रहे हैं।
जवाब देंहटाएंसशक्त रचना
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना है!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मन भावों की ये रचना ........लाजवाब प्रस्तुती
जवाब देंहटाएं@देवेश भाई,अल्पना जी,व् वर्मा जी,आपको ये प्रयास अच्छा लगा इस से अपने आप को थोडा और जय जवाबदेह मान रहा खुद को,आप सब के प्रति!
जवाब देंहटाएं@मनोज जी-सच में आप ने जो कुछ भी यहा महसूस किया उस सब का तो मुझे अंदाजा भी नहीं है!यह तो आपकी नजर ही है,ये आपका अनुभव और ज्ञान ही यहाँ झलक रहा है!आपका धन्यवाद है जी यहाँ आकर अपने अमूल्य विचार प्रकट करने का!
@अमित भाई साहब आपकी तो टिप्पणी भी पोस्ट से कम नहीं होती!आपने टिप्पणिया कर कर के जो मोटी बिखरा दिए है उनको चुन कर माला बना प्रस्तुत कर दो कभी!एक बार फिर अपनी रचना में मुझ तुच्छ को स्थान देने के लिए मै आभारी हूँ!
कुंवर जी,
achchi lagi
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर और काबिले तारीफ़ रचना है ...
जवाब देंहटाएंsundar kritiiiiiiiiiii subhan allahhhhhhhhh
जवाब देंहटाएंकुंवर जी
जवाब देंहटाएंआपके शायराना अंदाज़ कि पेशकश पढ़ कर कुछ हलचल हमारे मन में भी हुई| हमें सोचा कि प्रेरित आपकी पेशकश से हुए तो हमारी कृति का पहला अधिकार आपका है :) -
शायरी में दिल के ज़ख्म दिखाने का दावा जो करते हो
इसी बहाने से अपने जख्मों को छुपाये जाते हो
उनसे बात करने का बहाना खूब करते हो
उसी बहाने से उनके आगोश में समाये जाते हो
उनकी बातें और उनको समझने का वो इशारा
लगता है कि कर रहे हो उसने कोई मशवरा
ना कोइ गम न शिकवा किया तुमने उनसे
बस बात कह दी वही जो छिपी थी इस दिल में