हम कहते है हमें शान्ति चाहिए,
वो बोले
हमने इतना बेआबरू तुमको किया,
कभी छाती की छलनी
अभी सर धर लिया,
तुम अब भी शान्त हो
अब इस से ज्यादा शान्ति का भी क्या करोगे...
शान्ति नहीं तुम्हे शर्म चाहिए,
हमने कहा
शर्म तो चली गयी बेशर्म हो...
चाहे कुछ भी हो अब शान्ति ही अपना धर्म हो...
तो हमें शान्ति चाहिए...
जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुँवर जी,