सोमवार, 1 जनवरी 2018

एक अद्भुत अनोखी फिल्म Curious case of Benzamin Button......(कुँवर जी)

Curious case of Benzamin Button......
एकदम अलग तरह की फिल्म लगी मुझे।विश्व युद्ध का समय दिखाया गया है।
शुरुआती दृश्य मे एक घड़ी का निर्माण दिखाया गया है जो उल्टी चलती है।सभी इसे मजाक मानते है लेकिन घड़ी निर्माता जब इस उल्टी घड़ी बनाने का कारण बताता है तो सभी भावुक होकर इसे स्विकार कर लेते है।वो चाहता है कि काश बीते हुए दिन वापस आ जाये।जो युद्ध मे मर गये है, अपने परिवार से बिछुड़ गये है वो वापस आ जाये।ये घड़ी इसी उम्मीद को दिखा रही थी कि काश समय वापस हो ले।
फिल्म का नायक जिस दिन पैदा होता है उसी दिन विश्व युद्ध के विराम की घोषणा हुई है। सभी बहुत खुश है। इधर Button परिवार भी बहुत खुश है कि आज ही के इतिहासिक दिन औलाद पैदा हो रही है। सभी बहुत नर्वस लेकिन सम्भावित खुशी के लिये रोमांचित भी है।जैसे ही लड़का जन्म लेता है, तभी बाहर से बहुत दूर से भागता हुआ नवजात का पिता लड़के की माँ के पास आता है वो बहुत ही मार्मिक दृश्य है।लड़का जन्म ले चुका है लेकिन किसी भी घरवाले के चेहरे पर खुशी के भाव नही है। जन्मोत्सव पर मरघट का सा मंजर है।नायक का पिता अपनी पत्नी के पास जाता है, वो मरणासन्न है।वो अपने पति को कहती है कि लड़के का ख्याल रखना.... और अन्तिम यात्रा को निकल जाती है। तब नायक का पिता नवजात नायक को देख कर घबरा जाता है। ऐसा लगता है कोई राक्षस हो छोटा सा।एक छोटी सी झलक नायक की तब मिलती है। नायक का पिता अपनी पत्नी की मौत और इस राक्षस जैसे बेटे को देख कर अन्दर से बुरी तरह टूट जाता है और उस नवजात शिशु को एक तौलिये मे लपेट कर बेहताशा दौड़ता जाता है और बहुत दूर एक सुनसान सी जगह मे एक ओल्ड हाउस के मुख्य द्वार के सामने उसे छोड़ आता है। थोड़े से पैसो के साथ।
उसी ओल्ड हाउस मे नायक की परवरिश होती है। नायक सामान्य लड़का नही है। वो बहुत बूढ़ा दिखाई देता है। बहुत ज्यादा बूढ़ा। उसके बचने की किसी को भी उम्मीद नही है फिर भी ओल्ड हाउस चलाने वाली लेडी उसे बहुत प्यार से पालती है।
सभी नायक को बहुत अजीब मानते है, दिखता भी है। उम्र मे बहुत छोटा लेकिन शरीर से बहुत बूढ़ा दिखाई जो देता है। 5-7 साल का होने पर भी वो चल नही पाता। उसके सर पर थोड़े बहुत सफेद बाल है, शरीर और चेहरे पर झुर्रिया है।70-80 साल का लगता है।वो अपने आप का और बाकी दुनिया का गहराई से विश्लेशण करता रहता  है।
एक हुले लुइया की महफिल का दृश्य भी आता है, कटाक्ष है करारा।लेडी उसे एक पादरी के पास लेकर जाती है, कि वो येशू से इसके लिये प्रार्थना करे और ये चल पड़े बिना बैसाखी के। पादरी हुले लुइया करता है जोर जोर से, बेंजामिन को मानसिक हौसला मिलता है और वो दो तीन कदम चल पड़ता है। सभी हुले लुइया हुले लुइया करने लग जाते है, लेकिन वो पादरी जो सबके लिये यीशु से प्रार्थना करता था लोगो के दुख दूर करवाता था, अपनी मृत्यु के लिये उसे प्रार्थना करने का समय भी नही मिलता।वही उसी समय मँच पर ही वो मर जाता है।

आगे सब उम्र मे बड़े होते जाते है लेकिन बेंजामिन उम्र मे बढ़ता तो है लेकिन शरीर से जवान होता जाता है। यही फिल्म की विशेषता है सब बूढ़े होते जाते है नायक जवान होता जाता है। आगे नायक को बस स्त्री भोग करता ज्यादा दिखाया गया है लेकिन वो ये सब देख रहा है कि उसके आस पास के लोग बूढ़े हो रहे है और मर रहे है और जवान होता जा रहा है। जब वो छोटा था तब भी लोग उसकी उम्र का विश्वास नही कर पाते थे अब वो बूढ़ा होता जा रहा तब भी लोग उसकी उम्र का विश्वास नही कर पाते है। अंत मे वो बच्चा हो जाता है और नवजात शिशु की तरह हो कर मर जाता है।
ये पूरी ऐसे आगे बढ़ती है कि फिल्म एक बूढ़ी औरत जो कि मरने वाली है हॉस्पिटल मे बैड पर पड़ी है को उसकी लड़की बेंजामिन की डायरी पढ़ कर सुनाती है। जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती है बेंजामिन से उनका क्या रिश्ता रहा था पता चलता है।ये फिल्म देख कर ही पता करना आप लोग।
ब्रैंड पिट का अभिनय बाँधे रखता है और बूढ़े पिट का अभिनय बहुत ही जबर्दस्त।
ऐसा तो मुझे लगा था खैर। आप भी देखे और बताए कुछ ज्यादा तो नही कह दिया मैने।
संक्षिप्त मे फिल्म ऐसी है कि
एक बच्चा पैदा होता है जो फिजिकली और मेंटली बूढा होता है  जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वह फिजिकली और मेंटली age में घटता जाता है ।
 तो बुढापे मेंऔर जवानी में जो उसकी wife होती है वह बुढ़ापे में उसे बच्चे की तरह मरते देखती है
 मतलब एक अकेला बन्दा जो अपनी age reiwind मे जीता है।जब देखोगे तो लगेगा कि इतनी छोटी छोटी detail कैसे दिखाई गयी है।
मतलब इसके बच्चे तो होते है 30 या 35 साल के और ये 16 साल के टीनेजर की तरह नासमझ रहकर उनसे डरता सा है जैसे...
और यह फ़िल्म रुकती नही। physical age और मेन्टल age का inverse चलता है इसमें ।

अन्ग्रेजी मे तो नही देखा मैने इसको। इस फिल्म को हिन्दी मे आप यहाँ देख सकते है।

जय हिन्द, जय श्री राम
कुँवर जी।।

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