Kunwarji's
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बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
आईये पढें ... अमृत वाणी।
वाह...खूबसूरती से लिखा है
waah sirji bahutahi badhiya...
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
दूसरों को समझना आसान नही होता पर आपने समझा ... आपकी रचना अच्छी लगी ....
अतीत में खोया होगा सबब ढूँढने को... ये मन भी अजीब है. पहले गुस्ताखी करता है और फिर... :)
तेरी बेरुखी बेसबब तो ना होगी,दूसरों को समझना आसान नही होता पर आपने समझा ...
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जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंआईये पढें ... अमृत वाणी।
जवाब देंहटाएंवाह...खूबसूरती से लिखा है
जवाब देंहटाएंwaah sirji bahutahi badhiya...
जवाब देंहटाएंकिस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
जवाब देंहटाएंदूसरों को समझना आसान नही होता पर आपने समझा ... आपकी रचना अच्छी लगी ....
जवाब देंहटाएंअतीत में खोया होगा सबब ढूँढने को... ये मन भी अजीब है. पहले गुस्ताखी करता है और फिर... :)
जवाब देंहटाएंतेरी बेरुखी बेसबब तो ना होगी,
जवाब देंहटाएंदूसरों को समझना आसान नही होता पर आपने समझा ...