जो मुझे पसंद है
वो तो
होता नहीं..
जो हो रहा है
उसे ही पसन्द न करूँ तो
क्या करूँ मै!
झेल गया जब
मै
जो बीत चूका,
अब तो जो भी बीते
अब तो जो भी बीते
भला उस से
क्या डरूँ मै !
गैरो से बच कर
आया था
अपनों की ओट में,
अब अपनों से
बचने के लिए
किसकी ओट करूँ मै!
बहुत पीता हूँ
आंसुओ को
बिना शोर के,
ये शब्द
न माने मेरी,
फूटे तो
इन्हें कहाँ धरूँ मै!
जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुँवर जी,
बहुत सुंदर लिखा है कुंवरजी आज, मन की व्यथा| गैरों के ज़ुल्म-ओ-सितम खेल लेते हैं क्यूंकि उनसे उम्मीद यही होती है लेकिन जब अपने ऐसा करें तो न कहते बनता है न छुपाये| सरमद की कहानी सुन ही रखी होगी जरूर..
जवाब देंहटाएंAadarniya sanjay ji, sarmad ki kahani to suni nahi bas kai bar kuchh anubhav ham dabav bnane lgte h to wo dabav shabdo ke roop me kaagaj utar aata h kabhi-kabhi...
हटाएंUmmed h jld hi sarmad ki kahani se b avgat kra denge aap...
Kunwar ji
बहुत ही सुंदर भाव संयोजन सार्थक रचना....समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/
जवाब देंहटाएंPallavi ji, swagat hai ji aapka...
हटाएंDhnyawad padharne ke liye
kunwar ji
इस कविता के भाव, लय और अर्थ काफ़ी पसंद आए। बिल्कुल नए अंदाज़ में आपने एक भावपूरित रचना लिखी है।
जवाब देंहटाएंSanjay bhai bahut jyada prashansha kar di aapne to...
हटाएंAabhar
kunwar jo
बहुत ही सार्थक!!
जवाब देंहटाएंनिर्थक दुविधाओं का प्रस्फुटन!!
शब्द फूटे तो यहईं ब्लॉग पर धर दिया करें!! स्वागत!! शुभकामनाएँ!!
Sugya ji aabhar sujhav ke liye... Jb se blog jagat me aaye h yahi to kar rahe h.... Par sabhi kuchh b to btaya nahi jata kai baar
हटाएंKunwar ji
bahut rochak lagi aapki rachna ek naya andaaj bahut nirmal ehsaas.bahut sundar.pahli baar pahunchi aapke blog par bahut achcha laga.
जवाब देंहटाएंlijiye aapke blog ka anusaran kar liya milte rahenge.
जवाब देंहटाएंAapka swagat hai ji, anusaran nahi ji margdarshan ki jrurat h ji aapke...
हटाएंAabhar
kunwar ji
सच्चाई से कही गयी बात अच्छी लगी .....
जवाब देंहटाएंAabhar
जवाब देंहटाएंvery appealing creation.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कल्पना
जवाब देंहटाएंshabdon ko dharne ke liye blog se behtar aur kaunsi jagah hogi....bahut sundar aur marmik rachna...
जवाब देंहटाएंसार्थकता लिए हुए सटीक अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंआप सभी का सादर स्वागत है! आपका आगमन एक नयी उर्जा का सन्चार करता है !
जवाब देंहटाएंकुँवर जी,
वाह बहुत खूबसूरत शब्द संयोजन |
जवाब देंहटाएंकल 11/05/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
बहुत पीता हूँ
जवाब देंहटाएंआंसुओ को
बिना शोर के,
ये शब्द
न माने मेरी,
फूटे तो
इन्हें कहाँ धरूँ मै!
बहुत सुंदर भाव ..... बस इन शब्दों को अपने ब्लॉग पर धर दीजिये ...
बहुत -बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति है....
जवाब देंहटाएंबेहतरीन रचना.....
आप सभी का स्वागत है...
जवाब देंहटाएंआपके आगमन से नव-चेतना का एहसास हो रहा है!एक जिम्मेवारी अब और बड़ी होती सी दिखाई दे रही है!
आभार!
कुँवर जी,