गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

गौहत्या विरोध और इस विरोध का विरोध....(कुँवर जी)

एक वें लोग भी है जो विदेशो में रह कर भी अपने देश में चेतना जगाने के लिए यथासंभव प्रयास करते रहते है और एक ये भी है जो अपने देश में ही रहते हुए भी स्वयं तो कुछ करते नहीं अथवा कर नहीं पाते परन्तु जो इसके लिए चिंतित है उनकी निंदा करने के लिए समय अवश्य निकाल लेते है!

आदरणीय दिव्या जी(Zeal ) जी ने गौहत्या के विरोध में निम्न चित्र वाली पोस्ट लगाई!


अनवर जमाल साहब ने अपने स्वभाव के अनुसार उस पोस्ट का पंचनामा   खूब किया!यही पर कुमार राधारमण जी ने दिव्या जी की इस पोस्ट समेत कई पोस्ट निंदनीय बतायी!तो हमने वहा ये सवाल किया कि
"चलो डॉ. साहब तो अपना धर्म निभा रहे है;मेरा सवाल आदरणीय कुमार राधारमण जी से ये है.....
कृपया कर बताये की उस पोस्ट में आपको क्या आपत्तिजनक लगा....???"
अब आदरणीय हकीम अनवर जमाल साहब जी....
यदि आपको शर्म न आये तो कृपया कर बताये की आपको मेरी टिप्पणी में ऐसा क्या आपत्तिजनक लगा कि न केवल आप ने मेल पर इसकी मुझे शिकायत की,न केवल ऐसा न करने कि नसीहत दी बल्कि मेरी टिप्पणी डिलीट भी कर दी!

मै आपसे अपेक्षा कर सकता हूँ कि आप गुपचुप तरीके से मेल पर ही मुझे नहीं समझायेंगे अपितु यही मेरी असमंजस का निवारण कर देंगे! 



जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुँवर  जी,

33 टिप्‍पणियां:

  1. एक पोस्ट का उम्दा जुगाड़ किया है आपने बिल्कुल किसी ‘बड़ा ब्लॉगर‘ की तरह।
    :)
    देखें-
    क्या बड़ा ब्लॉगर टंकी पर ज़रूर चढता है ?
    शुभकामनाएं !

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  2. अनवर जमाल साहब के स्वाभावानुसार और लगावानुसार उन्हें विरोध था कि गौहत्या करते अफगानिस्तान के पठानों को क्यों दिखाया गया? उनका साफ आशय था कि उन्हें दिखाना नफ़रत फैलाना होता है। कमाल है विदेशियों के हिंसक व्यवहार पर भी शिकायत और उनके हिंसक व्यवहार को संरक्षण देने के लिए गौरक्षा का भी विरोध? उपर से वही चिर-परिचित व्यवहार…… वर्ना……"विदेशी आतंकवादियों को लाने-बुलाने की जमीन तैयार हो जाएगी" ……………यह वाक्य गम्भीर संज्ञान लेने लायक है…… सजग नज़र रखने की जरूरत है।

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  3. @डॉ. अयाज़ जी-आपका यहाँ आना भी nice लगने वाला रहा!स्वागत है जी आपका!

    कुँवर जी,

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  4. @हकीम जी- अपने स्वभावानुसार आपने सीधी बात तो की नहीं,जैसा खुद आज तक किया है वही भावना औरो में आपको बताना चाहूँगा कितलाश रहे है!तो श्रीमान जी मै ये कोई जुगाड़ पोस्ट नहीं है,एक प्रशन है..... क्या मै उम्मीद कर सकता हूँ कि आप मुझे इसका उत्तरदे पायेंगे!

    कुँवर जी

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  5. @आदरणीय सुज्ञ जी- आपका स्वागत है!आपने बहुत ही गम्भीर और कुटिल भावो को पकड़ लिया है,इनका स्पष्टीकरण देना भी बनता है!

    पर कोन देगा......???

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    उत्तर
    1. स्पष्टिकरण अथवा सीधा जवाब तो आज तक नहीं दिया। हो तो मिले न? किन्तु भावों के आधार पर समस्त ब्लॉगजगत को सचेत व सावधान रहने त्वरित आवश्यकता है।

      हटाएं
    2. सुधार…
      स्पष्टिकरण अथवा सीधा जवाब तो आज तक कभी नहीं दिया, जो अब दे। तार्किक जवाब हो तब मिले न? किन्तु भावों के आधार पर समस्त ब्लॉगजगत को सचेत व सावधान रहने की त्वरित आवश्यकता है।

      हटाएं
  6. @गिरी जी- स्वागत है जी आपका,बुहत दिनों के बाद दर्शन हुए आपके; पधारने के लिए आभार!

    कुँवर जी,

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  7. @ सुज्ञ जी- आपको सुधार करने की कोई जरुरत ही नहीं है!तार्किक तो क्या कैसा भी स्पष्टीकरण नहीं होगा इनके पास!



    कुँवर जी,

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  8. .

    आदरणीय कुंवर जी ,

    आपने ऐसा प्रश्न उपस्थित किया है , जिसका जवाब अनवर जमाल और अयाज़ अहमद के पास नहीं है , वरना मूर्खतापूर्ण कमेन्ट लिखकर ,बिल में न छुप गए होते ये लोग। ये दोनों तो सिर्फ साथी ब्लॉगर्स के विरोध में पोस्टें लगाकर अपनी दूकान चलाने का धंधा करते हैं। ये वही अनवर जमाल है जो दिव्या को बहन कहा करता था लेकिन बहन जैसे पवित्र रिश्ते का अर्थ भी नहीं समझता। इसका एक ही काम है , हिन्दुओं के मध्य आपसी फूट डालना। लेकिन इसके नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाएगा।

    अनवर जमाल , कान खोल कर सुन लो, आज भी और आज के बाद भी "गो-हत्या" के विरोध में लिखती रहूंगी। ताकि पशु हत्या करने वाले 'जबान के चटोरे' लोग चैन की नीद न सो सकें।

    आयाज़ अहमद और जनाब इकबाल का कहना है की थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया की गायों को बचाया जाए, भारत की गायें कटने दी जाएँ। अब इस बचकानी बात का क्या जवाब दिया जाए।

    सुज्ञ जी ने जिस महत्वपूर्ण बात की तरफ ध्यान दिलाया है , उस पर गौर फरमाना बहुत ज़रूरी है।

    अनवर जमाल पर जो भी विश्वास करता है, ये उसी के साथ घात करता है।

    लोगों के कमेन्ट डिलीट करना और मेल लिखकर प्रवचन देना इसकी पुरानी फितरत है।

    He is incurable !

    .

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  9. ऐसा प्रश्न जिसका जवाब सभी के पास नहीं है

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  10. आदरणीय कुंवर जी, आपकी इस पोस्ट को पढकर अच्छा लगा। आवाज़ उठाने वाले वैसे ही बहुत कम हैं, किन्तु आप भी उनमे शामिल हुए। आपका आभार।
    जमाल जैसे इस्लामी आतंकियों का इलाज एक छत्र के नीचे आकर ही किया जा सकता है किन्तु यहाँ तो राधारमण जैसे टट्टुओं की ज़मात भी है। जमाल के लिए आपने लाजवाब सवाल खड़े कर दिए।
    जमाल को मैंने भी उत्तर दिया था किन्तु उसने मेरी टिप्पणी मॉडरेट कर दी व ऐयाज अहमद ने मेरी टिप्पणी डिलीट कर दी। इसलिए मैंने भी अपने ब्लॉग पर इसका जवाब दिया है।
    http://www.diwasgaur.com/2012/04/blog-post.html

    पुन आपका आभार।

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  11. कुछ लोग जानबूझ कर दूसरे की पोस्ट से अपने ब्लॉग पर फ़ायदा उठाना चाहते है ताकि विवाद पैदा कर नाम कमा सके ऐसे लोगों की फ़ितरत ठीक इस बात पर बन चुकी है कि बदनाम होंगे तो क्या नाम तो होगा, यानि ऐसे लोग सिर्फ़ नाम कमाना चाहते है। राणा जी http://www.diwasgaur.com ने भी इसी विषय पर लेख लिखा है।

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  12. @आदरणीय दिव्या जी- आपका स्वागत है जी!

    इसका जवाब तो जरुर देंगे,ऐसा मेरा विश्वाश है!कोई मज़बूरी रही होगी जो अभी नहीं दे पाए!वैसे भी कभी उन्होंने कहा था कि वो रात में ब्लॉग्गिंग करते है,सो रात में जवाब दे देंगे!
    और श्रीमान राधारमण जी का भी कोई जवाब अभी तक नहीं आया है!

    कुँवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  13. कुँवर जी,
    उन घरों के द्वार न खटखटायें, जिनके पीछे बूचडखाना हो, वहाँ जाएँ और थूक आयें.

    बस उस दिन का इंतज़ार करें जब इंसानियत लपेटकर की जाने वाली नीचता का खात्मा होगा.

    सही बातों का प्रचार करते चलें...

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  14. आदरणीय कुंवर जी, आपकी यह पोस्ट पढ़कर बहुत ख़ुशी हुई। इन ज़लील लोगों की गंदगी को आपने सहन नहीं किया। आवाज़ उठाने वाले बहुत कम होते हैं, आप उनमे से एक हैं।
    मैंने भी जमाल की पोस्ट में अपनी टिप्पणी रखी थी किन्तु इसने मॉडरेट कर दी और ऐयाज अहमद ने मेरी टिप्पणी डिलीट कर दी, अत: मैंने भी अपने ब्लॉग पर सच लिख डाला।
    http://www.diwasgaur.com/2012/04/blog-post.html

    पुन: आपका आभार।

    जवाब देंहटाएं
  15. प्यारे भाई कुंवर जी ! पिछले दिनों हमने एक साहब से कमेंट के द्वारा एक बात कही तो वह बोले कि हमें ईमेल करके कह दिया होता।
    अब आपसे ईमेल करके कहा तो आप पोस्ट बनाकर कह रहे हैं कि कमेंट में क्यों न कहा ?
    हरेक की पसंद अलग अलग है।
    अच्छा है।
    आपकी टिप्पणी हटाते हुए हमने ईमेल के ज़रिये आपको यह संदेश दिया था-
    हमारी पोस्ट पर आप हमें संबोधित करके बात कीजिए।
    हमारी ग़लत को ग़लत कहें और हमारी सही बात को सही।
    धन्यवाद !

    इस संदेश में आपको कोई बात बुरी लगी हो तो हम क्षमा प्रार्थी हैं।
    आपके व अन्य भाईयों के विशिष्ट सहयोग के लिए धन्यवाद !

    साथ ही देशप्रेमियों का स्वागत है हमारी नई पोस्ट पर
    मुझे गालियां देने वाले इस देश, समाज और मानवता का अहित ही कर रहे हैं Abusive language of so called nationalists

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  16. गौ-हत्या का मुखर विरोध होना ही चाहिए और गौ-हत्या के विरोध में लगे सभी ब्लोगर्स का समर्थन होना चाहिए. ब्लोगर्स का एक तबका जो येन-केन प्रकरेण हिंदुओं के विरोध में लगा रहता है उनके षण्यंत्र से सावधान रहना होगा.. .

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  17. @हकीम जी- आहा!

    आपका दिल कितना बड़ा है!आपने हमें अपना प्रिय भाई कहकर अपनी महानता का परिचय दिया!

    और फिर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश भी की!पर महाराज आपने तो वही बताया जो हम बता चुके है!

    @हमारी ग़लत को ग़लत कहें और हमारी सही बात को सही।

    धन्यवाद !

    तो भाई जान हमने तो आपको सही ही बताया था!आपने तो अपना धर्म निभाया!

    @हमारी पोस्ट पर आप हमें संबोधित करके बात कीजिए।

    रही बात केवल आपको सम्बोधित करने की तो....यदि हमने ये आपके लिए बेहद आपत्तिजनक कार्य किया है तो कृपया इस पोस्ट से पहले जो अन्तिम टिपण्णी आपने हमारी पोस्ट पर दी थी उसे याद करे एक बार!

    http://hardeeprana.blogspot.in/2012/04/blog-post.html यहाँ देखे!

    ये तो एक बहुत छोटा सा उदाहरण जो अभी कुछ दिनों पहले ही हमारी पोस्ट पर ही आपने प्रस्तुत किया!अब आपकी उस पोस्ट को ही ले लीजिये... जिसमे हमने वो बेहद आपत्तिजनक टिपण्णी की थी,वो भी तो ऐसा ही उदहारण है.....
    अब ये श्रृंखला तो बहुत लम्बी हो जाएगी...छोडो उसे अभी!

    आप तो बहुत महान है....हमसे हर क्षेत्र बड़े है.....हम तो काफी छोटे है आपसे,हर क्षेत्र में!

    अभी कृपया कर समझाए अपने प्रिय,नादान और छोटे बंधू को कि जब ये कार्य आप करते है तो कैसे प्रशंशनीय है और जब मै करता हूँ कैसे आपत्तिजनक है..और वो भी आपके लिए....????


    कुँवर जी,

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  18. @दिवस जी-आपका पुनः आभार!

    @संजय भाई- जिनके उत्तर ही नहीं हो लोग ऐसे प्रशन उठने ही क्यों देते है अपने ऊपर..???



    कुँवर जी,

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  19. @ भारतीय नागरिक जी- बिलकुल सही कहा आपने... और आप इस बात भी गौर फरमाइए जो सुज्ञ जी ने बड़ी गंभीरता के साथ संज्ञान में ली है!बेहद सजग रहने कि जरूरत है!

    कुँवर जी,

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  20. Gau hatya ke virodh ki Vajah vajib hai Bharat varsh mein ... Aur is baat ka samarthan Hona chahiye ... Ye mudda sadiyon se bhavnaon se juda hai aur iska dhyaan rakhna jaroori hai ... Bahut is baaten tark se pare hoti hain ... Halanki isle paksh mein anekon tark likhe ja chuke

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  21. @जाट देवता जी-राम राम,स्वागत है जी आपका.... बिलकुल सही कहा जी आपने कि बदनाम होंगे तो क्या नाम तो होगा यही सोच आधार बन चुकी है इन लोगो के सोचने का!



    @ आदरणीय नासवा जी- ये बिलकुल तर्कों से परे का मामला है फिर भी असंख्य तर्क है इसके पक्ष में!कुछ विपक्ष में भी तर्क दिखाते है पर वो भूल जाते है कि इस चक्कर में वो कितना गिर गए होते है....?



    कुँवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  22. @आदरणीय प्रतुल जी- मै समझ रहा हूँ जी आप जो समझाना चाह रहे है!लेकिन तब क्या किया जाए जब ये गली-गली में घूम-घूम कर गंद फेंकना शुरू कर दे!अपने घर में कोई जो मर्जी करे.....

    बस नहीं सहन होता कई बार.....

    वो तो अल्लाह के नाम पर जीव-हत्या को जायज़ ठहराने का प्रचार-प्रसार खुले आम करे और हम जीव-हत्या का विरोध भी न करे.?माना उनमे पवित्र नहीं माना जाता उन जीवो को पर हम जिसे सर्वोपरि मानते उसकी निर्मम हत्या का भी विरोध करे तो वो जो चाहे जैसे चाहे न केवल विरोध करे बल्कि विरोध करने वाले के खिलाफ अनर्गल,अनाप-शनाप लिखना भी शुरू कर दे!

    क्षमा करना प्रतुल जी, भावनाए कभी-कभी बह जाती है, बस अब कुछ और नहीं!


    कुँवर जी,

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    उत्तर
    1. आदरणीय कुंवर जी - आप निरामिष ब्लॉग पढ़ते हैं ? वहां इन सब अवधारणाओं के उत्तर दिए जा रहे हैं - लगातार |

      और हाँ - वह 'दुर्योधन को गीता ज्ञान' वाली पोस्ट मिल नहीं रही है | कल वहां मैंने एक टिपण्णी की थी आपके प्रश्नों के विषय में |

      हटाएं
    2. आदरणीय शिल्पा जी,

      आपकी ये सहयोग की भावना देख कर मन गद -गद हो गया है,आपके in विचारो को कई बार पढ़ा... बिल्कुल विपक्ष me खड़े होकर भी देखा, पर पक्ष में होकर जो आत्मविश्वाश एक बार बना था वो गया नहीं,

      समय के अभाव में मै चर्चा को लगातार नहीं रख पार रहा हु, पर आपके अमूल्य सारगर्भित और सभी को जानने योग्य शुभ विचार मै पढ़ जरुर रहा हूँ.

      कृपया आप इसे जरी रखे...
      कुँवर जी,

      हटाएं
  23. @ प्यारे भाई कुंवर जी ! आपने हमारी जिस टिप्पणी का ज़िक्र किया है। वह हमारी एक पोस्ट का अंश है और उसका संबंध आपकी पोस्ट पर टिप्पणी करने वाले किसी ब्लॉगर से नहीं है।
    आपकी और हमारी टिप्पणी में अंतर है। इसके बावजूद भी आप चाहें तो आप उसे हटा सकते हैं।
    अपनी बिल्कुल ताज़ा पोस्ट पर हम सबसे पहले आपको आमंत्रित करते हैं आपकी सुलझी हुई राय जानने के लिए-
    फ़र्रूख़ाबादी स्टाइल की कविता भी बना सकती है बड़ा ब्लॉगर Hindi Poetry
    http://tobeabigblogger.blogspot.in/2012/04/hindi-poetry.html

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  24. बात वही की वही पड़ी रह गयी,

    बस आगे से ध्यान रखना महाराज किसी और पर लिखने से पहले अपने को देख लेना! वैसे बदनामी वाला नाम भी तो नाम ही है......



    वो अफसाना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन,

    उसे एक ख़ूबसूरत मोड़ देकर छोड़ना अच्छा....

    चलो एक बार फिर से........



    कुँवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  25. गाली किसी को भी प्रिय नहीं है आजकल तो बुरी मंशा वाले को नागवार गुजरती है। उसे समझ-सुझाव भी गाली लगते है और इस प्रकार 'इस' देश, समाज और मानवता का अहित हो जाता है। :)

    कोई बात नहीं………प्रश्न अभी बाकी है……… गाय की हत्या रूके तो इन्हें एतराज़ क्या है?

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    उत्तर
    1. @ …… गाय की हत्या रूके तो इन्हें एतराज़ क्या है?

      बहुत से ऐतराज हो सकते हैं :

      १. जबान के चटोरेपण का क्या होगा ?
      २. गोहत्या के विरोध में लिखने वालों को नीचा कैसे दिखाया जाएगा ?
      ३. नफरत का ज़हर कैसे फैलाया जाएगा ?
      ४. आतंकवादियों को हिंदुस्तान में बुलाने की धमकी देने का मौका कैसे मिलेगा ?
      ५. गौभक्तों (हिन्दुओं, जैनों आदि ) के मन को दुःख कैसे पहुँचाया जाएगा ?
      ६. बड़ा ब्लोगर कैसे बना जाएगा ?
      ७. वेदों को कैसे बदनाम किया जाएगा ?
      ८. देवताओं को गौमान्साहारी कैसे सिद्ध किया जाएगा ?

      आदि आदि आदि .....

      हटाएं
    2. सही कहा आपने शिल्पा जी, निश्चित ही यही कारण है।

      हटाएं

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