क्रिकेट करे चित्कार
अब मेरा खेलना है बेकार!
जब नोटों का मिले हार
तो हर हार है स्वीकार!
खेलने का मिला जो अधिकार
तो खेल से करते व्यभिचार!
जो पहले देख लेते थे आनंद अपार
अब देखना भी उनको लगे धिक्कार!
जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुँवर जी,
अब मेरा खेलना है बेकार!
जब नोटों का मिले हार
तो हर हार है स्वीकार!
खेलने का मिला जो अधिकार
तो खेल से करते व्यभिचार!
जो पहले देख लेते थे आनंद अपार
अब देखना भी उनको लगे धिक्कार!
जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुँवर जी,
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