राम राम जी.... आप सभी को मकर-संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाये....
कहते है आज से ही दिन बड़े होने आरम्भ हो जायेंगे....सर्दी भी अपनी वृद्धावस्था में चली जायेगी...चली जायेगी...धीमी चाल से...पर चली ही जायेगी अब तो!सूर्य देवता जो अब तक धुंध और मेघो से संघर्ष में स्वयं को यदा-कदा लाचार अनुभव कर रहे थे....अब पुनः अपना तेज प्राप्त करते चले जायेगे.... न मेघो की चलेगी न धुन्ध अब इतना इतर पाएगी....जो चाहेंगे तो बरस जायेंगे मेघ पर....सूर्य देवता से आंखमिचोली...अब अधिक न चल पाएगी...!अर्थात ठण्ड घटती चली जायेगी.....और...
जो बदनसीब(कोई और शब्द मुझे नहीं सुझा) फूटपथो पर अपने रात-दिन गुजारने
को विवश है.....उन्हें भी संभवतः कुछ राहत अनुभव हो...वैसे तो वो इस दुरूह ठण्ड को ही
ओढने के आदि हो चुके होंगे पर फिर भी.... कुछ तो राहत उन्हें भी मिलेगी..पक्का..!
हाँ...तिल-गुड के लड्डू,रेवाड़ी-गज्जक,मूंगफली उन्हें न मिल पाए अन्य संपन्न परिवारों की
तरह.... पर... ठण्ड से राहत जरुर मिलनी आरम्भ हो जायेगी.....!
उनको भी शुभकामनाये....इस ठण्ड-नाशक त्यौहार की..!
अरे आज के दिन तो मरने का भी अत्यधिक महत्त्व बताया गया है...तभी....भीष्म पितामह ने तीरों के बिछौने पर भी आज ही के दिन की बाट जोही थी.....सूर्य देवता के उत्तरायण होने के पश्चात् ही उन्होंने प्राण त्यागे थे...!
और हाँ.. बताते है आज ही के दिन देवताओ का दिन आरम्भ होता है...अर्थात अब तक जो लम्बी रात्री देवताओ की चल रही थी वो समाप्त....सुना है वो सब जाग जायेंगे.....सूर्य देव भी उत्तरायणी हो जायेंगे... तो पुण्य कर्मो के फल अब कुछ अधिक मिलेंगे... तो कर दीजिये आज से आरम्भ....कुछ दान कीजिये...बड़ो से आशीष पाइए...लोगो से दुआए प्राप्त करे....!
मुझे लगता है यदि किसी की प्रार्थना में आपके लिए भी प्रार्थना हो रही तो संभवतः वही सब से बड़ा कर्मफल है आपके लिए....तो आज से ही ओरो की प्रार्थना में सेंध लगानी आरम्भ कर दीजिये.....जितने अधिक लोगो की प्रार्थनाये आपके लिए होंगी उतना ही परमात्मा की नज़रों में
highlight होते चले जायेंगे....कर के तो देखिये ऐसा एक बार...!
जय हिंद,जय श्रीराम,
कुँवर जी,
कहते है आज से ही दिन बड़े होने आरम्भ हो जायेंगे....सर्दी भी अपनी वृद्धावस्था में चली जायेगी...चली जायेगी...धीमी चाल से...पर चली ही जायेगी अब तो!सूर्य देवता जो अब तक धुंध और मेघो से संघर्ष में स्वयं को यदा-कदा लाचार अनुभव कर रहे थे....अब पुनः अपना तेज प्राप्त करते चले जायेगे.... न मेघो की चलेगी न धुन्ध अब इतना इतर पाएगी....जो चाहेंगे तो बरस जायेंगे मेघ पर....सूर्य देवता से आंखमिचोली...अब अधिक न चल पाएगी...!अर्थात ठण्ड घटती चली जायेगी.....और...
जो बदनसीब(कोई और शब्द मुझे नहीं सुझा) फूटपथो पर अपने रात-दिन गुजारने
को विवश है.....उन्हें भी संभवतः कुछ राहत अनुभव हो...वैसे तो वो इस दुरूह ठण्ड को ही
ओढने के आदि हो चुके होंगे पर फिर भी.... कुछ तो राहत उन्हें भी मिलेगी..पक्का..!
हाँ...तिल-गुड के लड्डू,रेवाड़ी-गज्जक,मूंगफली उन्हें न मिल पाए अन्य संपन्न परिवारों की
तरह.... पर... ठण्ड से राहत जरुर मिलनी आरम्भ हो जायेगी.....!
उनको भी शुभकामनाये....इस ठण्ड-नाशक त्यौहार की..!
अरे आज के दिन तो मरने का भी अत्यधिक महत्त्व बताया गया है...तभी....भीष्म पितामह ने तीरों के बिछौने पर भी आज ही के दिन की बाट जोही थी.....सूर्य देवता के उत्तरायण होने के पश्चात् ही उन्होंने प्राण त्यागे थे...!
और हाँ.. बताते है आज ही के दिन देवताओ का दिन आरम्भ होता है...अर्थात अब तक जो लम्बी रात्री देवताओ की चल रही थी वो समाप्त....सुना है वो सब जाग जायेंगे.....सूर्य देव भी उत्तरायणी हो जायेंगे... तो पुण्य कर्मो के फल अब कुछ अधिक मिलेंगे... तो कर दीजिये आज से आरम्भ....कुछ दान कीजिये...बड़ो से आशीष पाइए...लोगो से दुआए प्राप्त करे....!
मुझे लगता है यदि किसी की प्रार्थना में आपके लिए भी प्रार्थना हो रही तो संभवतः वही सब से बड़ा कर्मफल है आपके लिए....तो आज से ही ओरो की प्रार्थना में सेंध लगानी आरम्भ कर दीजिये.....जितने अधिक लोगो की प्रार्थनाये आपके लिए होंगी उतना ही परमात्मा की नज़रों में
highlight होते चले जायेंगे....कर के तो देखिये ऐसा एक बार...!
जय हिंद,जय श्रीराम,
कुँवर जी,
आपको भी मकर संक्रांति पर्व की हार्दिक शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंराम राम जी अन्तर से सोहिल जी स्वागत है जी आपका
हटाएंमकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई…
जवाब देंहटाएंराम राम जी....
हटाएंआपका स्वागत है जी,पधारने के लिऐ धन्यवाद !
कुँवर जी,
बहुत अच्छी पोसट .. आपके इस पोस्ट से हमारी वार्ता समृद्ध हुई है .. आभार !!
जवाब देंहटाएंइसे चर्चा मे शामिल करने के लिए और तुच्छ पर प्रकाश डालने के लिए आभार है जी....
हटाएंकँवर जी
मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं .....कुँवर जी
जवाब देंहटाएंराम राम सन्जय भाई...
हटाएंबहुत रोचक अंदाज़ से वर्णन किया है मकर संक्रांति के त्यौहार का ... शुभकामनायें ...
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