बुधवार, 20 अप्रैल 2011

ये जो दुनिया है ये तो दुनिया है!....(कुँवर जी)


ये जो दुनिया है
ये तो दुनिया है!

कभी उलट दिशा में चल कर भी साथ होती है,
कभी हम पर हंसती कभी गम में हमारे रोती है,
कभी जागते है हम और ये आराम से सोती है,
कभी हमारी एक शिकन पे चैन अपना खोती है!
ये जो दुनिया है

ये तो दुनिया है!


कभी अपनों में पराये नजर आते है,
कभी परायो में हमसायें उतर आते है,
 बारिशों में कई चेहरे और निखर जाते है,
कुछ के कई और रंग उभर आते है!
ये जो दुनिया है


ये तो दुनिया है!


माना ये जो दुनिया है ये तो दुनिया है,
मगर देखो तो आखिर हम क्या है,
सोचते है ये जानकर भी आखिर मिलना क्या है,
न ये बदलेगी कभी और अपना.....

...अरे!अपना तो ख़ैर क्या है....!

ये जो दुनिया है

ये तो दुनिया है!




जय हिंद,जय श्रीराम,
कुँवर जी,

8 टिप्‍पणियां:

  1. ये जो दुनिया है......
    भैया ............ दुकनिया है.
    पहले
    प्यार का
    इज़हार करती है ...
    फिर व्यापार करती है.
    भैया, ये दुनिया है ........... पूरी बनिया है.

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  2. कभी अपनों में पराये नजर आते है,
    कभी परायो में हमसायें उतर आते है,
    बारिशों में कई चेहरे और निखर जाते है,
    कुछ के कई और रंग उभर आते है!

    बिल्‍कुल सही कहा है आपने ... ।

    जवाब देंहटाएं
  3. बारिशों में कई चेहरे और निखर जाते है,
    कुछ के कई और रंग उभर आते है!

    बिल्‍कुल सही कहा है आपने ... ।

    जवाब देंहटाएं
  4. कभी अपनों में पराये नजर आते है,
    कभी परायो में हमसायें उतर आते है,
    बारिशों में कई चेहरे और निखर जाते है,
    कुछ के कई और रंग उभर आते है!
    ये जो दुनिया है

    जी हाँ यही तो दुनिया है.....

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  5. आप सभी का स्वागत है जी!अपना अमूल्य समय देने के लिए आभार...

    कुँवर जी,

    जवाब देंहटाएं
  6. माना ये जो दुनिया है ये तो दुनिया है,
    मगर देखो तो आखिर हम क्या है,
    सोचते है ये जानकर भी आखिर मिलना क्या है,
    न ये बदलेगी कभी और अपना.....
    achhi rachna

    जवाब देंहटाएं
  7. @aadarniya rashmi ji- aapka swagat hai,padhaarne ke liye aabhaar

    kunwar ji,

    जवाब देंहटाएं

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