शुक्रवार, 18 मार्च 2011

उम्मीदों के रंग में रंगने की बारी आज है....

मलाल के गुलाल से ही
होली खेलते आये थे अब तक हम,
उम्मीदों के रंग में
रंगने की बारी आज है!
धैर्य के राग पर
मन अपना साज़ है,
आँखों के सुर पे
मौन ही आवाज़ है,
क्योकि बोलने वालों को तो
यहाँ तौलने का रिवाज़ है,
और कोई तौले हमें
इस से दिल नासाज़ है!

जय हिंद,जय श्रीराम,
कुंवर जी,

7 टिप्‍पणियां:

  1. वाह..वाह...वाह...अप्रतिम रचना...
    होली की ढेरों शुभकामनाएं.

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  2. बहुत भावपूर्ण...होली की हार्दिक शुभकामनायें!

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  3. अति सुन्दर भावपूर्ण रचना|

    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  4. आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप सभी के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।

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  5. रंगों की चलाई है हमने पिचकारी
    रहे ने कोई झोली खाली
    हमने हर झोली रंगने की
    आज है कसम खाली

    होली की रंग भरी शुभकामनाएँ

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  6. उम्मीदों के रंग में
    रंगने की बारी आज है!

    बहुत सुंदर ...अर्थपूर्ण भाव

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