मलाल के गुलाल से ही
होली खेलते आये थे अब तक हम,
उम्मीदों के रंग में
रंगने की बारी आज है!
धैर्य के राग पर
मन अपना साज़ है,
आँखों के सुर पे
मौन ही आवाज़ है,
क्योकि बोलने वालों को तो
यहाँ तौलने का रिवाज़ है,
और कोई तौले हमें
इस से दिल नासाज़ है!
जय हिंद,जय श्रीराम,
कुंवर जी,
वाह..वाह...वाह...अप्रतिम रचना...
जवाब देंहटाएंहोली की ढेरों शुभकामनाएं.
बहुत भावपूर्ण...होली की हार्दिक शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर भावपूर्ण रचना|
जवाब देंहटाएंहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ|
आप को होली की हार्दिक शुभकामनाएं । ठाकुरजी श्रीराधामुकुंदबिहारी आप सभी के जीवन में अपनी कृपा का रंग हमेशा बरसाते रहें।
जवाब देंहटाएंरंगों की चलाई है हमने पिचकारी
जवाब देंहटाएंरहे ने कोई झोली खाली
हमने हर झोली रंगने की
आज है कसम खाली
होली की रंग भरी शुभकामनाएँ
उम्मीदों के रंग में
जवाब देंहटाएंरंगने की बारी आज है!
बहुत सुंदर ...अर्थपूर्ण भाव
aap sabhi ka haardik abhinandan aur aabhaar....
जवाब देंहटाएंkunwar ji,