Kunwarji's
क्यूँ घुट रहे हो पल-पल, कोई क़सूर तो नही जिंदगी!
खोलो पलके हाथ बढाओ, इतनी भी दूर तो नहीं ज़िन्दगी!
माना ज़ख्म है कई तो क्या, कोई नासूर तो नहीं ज़िन्दगी!
रोते हुए को हँसी ना दे पाए जो, इतनी मजबूर तो नहीं जिंदगी!
जय हिन्द, जय श्रीराम, कुँवर जी,
माना ज़ख्म है कई तो क्या,कोई नासूर तो नहीं ज़िन्दगी!रोते हुए को हँसी ना दे पाए जो,इतनी मजबूर तो नहीं जिंदगी!बहुत उम्दा !
स्वागत है गोदियाल जी...धन्यवाद!कुँवर जी,
प्रभावी लेखन,जारी रहें,बधाई !!! आर्यावर्त परिवार
आपका स्वागत है...आभार!कुँवर जी,
रोते हुए को हँसी ना दे पाए जो,इतनी मजबूर तो नहीं जिंदगी..........एक सच जिसे बिल्कुल सटीक शब्द दिये हैं आपने ... बहुत ही बढिया प्रस्तुति... आपको २०१३ की मंगल कामनाएं .....आभार !
संजय भाई आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाये...कुँवर जी,
"ज़िंदगी ज़िंदा दिली का नाम है मुर्दा दिल क्या ख़ाक जिया करते है"
क्या बात है पल्लवी जी,स्वागत है आपका...कुँवर ji,
bahut badhiya...
बहुत बहुत आभार आपकाकुँवर जी,
जवाब देंहटाएंमाना ज़ख्म है कई तो क्या,
कोई नासूर तो नहीं ज़िन्दगी!
रोते हुए को हँसी ना दे पाए जो,
इतनी मजबूर तो नहीं जिंदगी!
बहुत उम्दा !
स्वागत है गोदियाल जी...
हटाएंधन्यवाद!
कुँवर जी,
प्रभावी लेखन,
जवाब देंहटाएंजारी रहें,
बधाई !!!
आर्यावर्त परिवार
आपका स्वागत है...
हटाएंआभार!
कुँवर जी,
रोते हुए को हँसी ना दे पाए जो,
जवाब देंहटाएंइतनी मजबूर तो नहीं जिंदगी
..........एक सच जिसे बिल्कुल सटीक शब्द दिये हैं आपने ... बहुत ही बढिया प्रस्तुति... आपको २०१३ की मंगल कामनाएं .....आभार !
संजय भाई आपको भी बहुत बहुत शुभकामनाये...
हटाएंकुँवर जी,
"ज़िंदगी ज़िंदा दिली का नाम है
जवाब देंहटाएंमुर्दा दिल क्या ख़ाक जिया करते है"
क्या बात है पल्लवी जी,
हटाएंस्वागत है आपका...
कुँवर ji,
bahut badhiya...
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
जवाब देंहटाएंकुँवर जी,