अभी अनामिका जी को यहाँ पढ़ा तो
सच में बोलती ही बंद हो गयी!कई दिन बाद स्वतः ही कुछ मौन से फूटा!आज वो ही आपके समक्ष!आज हम सब बुत से बन गए है!कोई प्रतिक्रिया कर ही नहीं रहे है है किसी भी कुरीति के विरोध में!बस आज यही....
देशवासियों तुम मूक ही रहना....
जब खुद की बारी आएगी..
तब आत्मा तक चिल्लाएगी,
सब चीख-ओ-पुकार तुम्हारी
सुन कर भी अनसुनी हो जायेगी,
तब तक
देशवासियों तुम मूक ही रहना....
तड़पती-तरसती आँखे तुम्हारी
जैसे अब तुम मूक हो,
तब सब को मूक देख पछताएगी!
बिना पछताए कहा
हमारे बात समझ में आएगी!
तो
तब तक
देशवासियों तुम मूक ही रहना...!
सच में बोलती ही बंद हो गयी!कई दिन बाद स्वतः ही कुछ मौन से फूटा!आज वो ही आपके समक्ष!आज हम सब बुत से बन गए है!कोई प्रतिक्रिया कर ही नहीं रहे है है किसी भी कुरीति के विरोध में!बस आज यही....
देशवासियों तुम मूक ही रहना....
जब खुद की बारी आएगी..
तब आत्मा तक चिल्लाएगी,
सब चीख-ओ-पुकार तुम्हारी
सुन कर भी अनसुनी हो जायेगी,
तब तक
देशवासियों तुम मूक ही रहना....
तड़पती-तरसती आँखे तुम्हारी
जैसे अब तुम मूक हो,
तब सब को मूक देख पछताएगी!
बिना पछताए कहा
हमारे बात समझ में आएगी!
तो
तब तक
देशवासियों तुम मूक ही रहना...!
जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुँवर जी,
है आज समय जागने का,
जवाब देंहटाएंसो रहे हो आज क्यूँ?
गर हौसलों में दम नहीं तो
जी रहे हो आज क्यूँ?
हो रही मुल्क की दुर्गति,
सब कह रहे हैं प्रगति।
है यही अगर प्रर्गति तो
रो रहे हो आज क्यूँ?
है आज समय जागने का