एक बार एक शराबी गली में खड़ा सभी आने जाने वालो को गालिया(वो भी बेहद गन्दी वाली) दे रहा था!सभी परेशान तो थे पर सोच रहे थे चला जाएगा,सो कुछ नहीं बोल रहे थे!
अब हो गयी बहुत ज्यादा देर,आदमी-औरत सभी तंग!जो मुसाफिर थे,वो चले जाते,जो वही रहने वाले थे वो तो तड़प रहे थे उसके मुख से ये सब सुन-सुन कर!अब किसी नए खून से रहा ना गया और वो उलझ गया जी उस से!तब एक बुजुर्गवार बोले-"अरे वो तो शराबी है!तुन क्यों उसके साथ पागल हो रहे हो!"
अब मै सोचता हूँ कि क्या शराबी को प्रमाण पत्र मिल जाता है कुछ भी कहने का!क्या उसे सच में होश नहीं होता?
उसे रोकने का कोई कारण नहीं?और जो अपने होशो-हवाश में पागलपन दिखाए उनको?
जय हिन्द,जय श्रीराम,
कुंवर जी,
सही बात कही आपने। ऐसे पागलों के लिए आगरा जें जगह है न।
जवाब देंहटाएं--------
कौन हो सकता है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?
एसे शराबियों की मरम्मत भी नहीं की जा सकती..."
जवाब देंहटाएंऐंसा है राणा जी कि शराब जो उच्च क्वालिटी की होती है अगर इंसान जब पिए तो लुफ्त भी उठाता है और उसके साईट इफेक्ट भी ना के बराबर होते है , मगर अगर शराबी को बचपन से ही घटिया दर्जे की दारू पिलाई गई हो तो उसमे शराबी का क्या दोष ?
जवाब देंहटाएंकुंबर जी बात कुछ पल के पागलपन की होती तब तो कइ समाधन थे पर ये तो वो हैं जो जिस पतर में खाते हैं उसमें छेद करना अपनी शान समझते हैं।
जवाब देंहटाएंइनका एक ही समाधान है आओ उस समाधान की त्यारी कर इन गद्दारों का समूल नाश सुनिश्चित करें
बहुत पुराना एक संवाद याद आया की अगर नशा होता शराब में तो नाचती बोतल ,,,शराब पी कर नौटंकी करने वाले पूरी तरह होश में होते हैं,नहीं तो जब दो चार लगते हैं तो खुद बा खुद होशा में आ जाते हैं.
जवाब देंहटाएंविकास पाण्डेय
www.vicharokadarpan.blogspot.com
gondiyal ji se sahmat
जवाब देंहटाएंmera to mananaa hai nase me sharabi hamesh a hi sach bolta hai.....
जवाब देंहटाएंशराबी को ठोक बजा कर सीधा करना चाहिये जिससे कि वह औरों को परेशान न करे..
जवाब देंहटाएंजो नशे में ही है उसके बारें में क्या कहें ...........लेकिन शराब पीकर कोई कुछ भी कहे .........ये बर्दास्त वाली बात नहीं
जवाब देंहटाएंदेवेश से सहमत हूँ लेकिन कई बार करनी पड़ जाती हैं कुंवर जी.
जवाब देंहटाएंहम अपने रिश्ते वालो और अपने संबंधियो को भी तो काफी बार सहन करते हैं
फिर आप तो सलीम को सलीम भाईजान कहते हो तो कुछ .......?
@जाकिर भाई-आपका स्वागत है जी!लेकिन कोई उन्हें आगरा तक पहुंचाने वाला भी तो हो!
जवाब देंहटाएं@amitrghat जी-मरम्मत तो कि जा सकती है बस......
@विकास जी,@भारतीय नागरिक जी,@देवेश भाई-आपका स्वागत है जी!हम तो आप से सहमत है जी!आपका धन्यवाद जी सहयोग देने के लिए!
कुंवर जी,
@गोदियाल जी और @सुनील जी-आप बात के मर्म को पहचानते हो!कुछ गलती हमारी भी है!जब हम मजबूर हो जाते है तभी कुछ कदम उठाते है!शुरुआत में झेलते रहते है ये सोच कर कि कि सब ठीक हो जाएगा अपने आप!
जवाब देंहटाएंआपसे इसी सहयोग कि उम्मीद मै हमेशा करता हूँ!
कुंवर जी,
@विचार शून्य जी-धन्यवाद है जी!
जवाब देंहटाएं@संजय भाई-अब आप ये बताओ करना क्या चाहिए उनके लिए!
@राणा साहब-भाई जान कह रहा था तो ही कही भी कटु शब्द या कटु भाषा का प्रयोग नहीं किया!मुझे लगा था कि वो अपनी किरकिरी ज्यादा करवा रहे है एक ही बात दोहरा-दिहरा कर,तो सोचा उनको चेता दूं!अगली पोस्ट में उनको समर्थन कि बात भी कही थी और उनके लिए अच्छी भावना थी इसीलिए तो उनको एक पक्ष और दिखाना चाहा था बात का!
बहारहाल भाई-चारा एकतरफा ही निभाया जाता है क्या?
कुंवर जी,