देखना एक बार ये आँखों की चमक
ये हाथो की पकड़
ये होंठो पर मुस्कान
क्या सच्ची बात है!
या फिर
महज़ औपचारिकताओं की
करामात है!
ये फोटो अभी कुछ दिन पहले दैनिक जागरण में छपा था!देख कर कुछ अटपटा सा तो लगा,पर सोचा काश ये सब सच्चा होता!आप क्या सोचते है इस बारे में.....?
बहुत खूब काश की ये सब सही होता |
जवाब देंहटाएंकाश ये सब सच हो जाता तो आज इतनी मुसीबत में न होते वो और हम भी
जवाब देंहटाएंmahaj ek dikhawa hain ye sab
जवाब देंहटाएंye sab rajniti se prerit aur apne baap america ko khush karne ke liye hi hain
lok dekhawa hain ye sab
sale sare nikkamme hain
ना नज़र मिली ना दिल मिले , झूंठी हसी लबों पे खिली थी
जवाब देंहटाएंमिलते हाथ भी दिखे थे पर "अमित" राहें अमन नदारत थी
shukriya amit bhai ye shaayari pahunchaane ka!
जवाब देंहटाएंrana sahaab,rachna ji,or shri ji aapka bhi bahut-bahut shukriya yaha padharaane ka!
kunwar ji,